Not known Factual Statements About quotesorshayari

हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,

अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।

वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।

जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है,

मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,

वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।

क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,

खुदा माना, आप न माने, वो लम्हे गए यूँ quotesorshayari ठहर से,

तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,

मैं घर का रास्ता भूला, जो निकला आपके शहर से,

कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,

सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,

मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।

समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,

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